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राहु गोचर 2018

राहु गोचर 2018

वैदिक ज्योतिष में राहु को क्रूर ग्रह कहा जाता है। राहु एक छाया ग्रह है इसे किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। हालाँकि मिथुन राशि में यह उच्च भाव में होता है। राहु वक्री गति के साथ क़रीब डेढ़ साल तक एक ही राशि में गोचर करता है।

कुंडली में राहु की अशुभ स्थिति से जातक को कई प्रकार की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यदि इस ग्रह के सकारात्मक पक्ष पर नज़र डालें तो यह एक शक्तिशाली ग्रह है जिसके कारण जातक को राजनीति के क्षेत्र में महारथ हासिल हो सकती है। यह जातक को नाम और प्रसिद्धि भी दिलाता है। राहु पिछले वर्ष यानि 17 अगस्त 2017 को कर्क राशि में गोचर कर चुका है और अब यह 7 मार्च 2019 को अपनी अवस्था में बदलाव करेगा। चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है और कर्क के अंतर्गत तीन नक्षत्र हैं जिसमें पुनर्वसु के एक तिहाई भाग का स्वामी गुरु है, पूरे पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है और अश्लेषा पर बुध ग्रह का अधिकार है।

राहु के कर्क राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर होगा। आइए जानते हैं सभी 12 राशियों पर 2018 में राहु के गोचर का प्रभाव...

मेष

राहु आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। इस समय आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती है। ख़ासकर इस अवधि में माता जी की सेहत का ख़्याल रखें। उनकी सेहत के प्रति कोई लापरवाही न बरतें। वहीं इस गोचर से आपका पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा। परिजनों से बहसबाज़ी हो सकती है। इस अवधि में राहु अपनी अवस्था से आपके आठवें, दसवें और बाहरवें भाव पर दृष्टि रखेगा। इससे परिस्थितियाँ आपके लिए आसान नहीं होगी। वाहन चलाते समय आपको सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। वहीं बातचीत के समय भी आपको अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना होगा। मन में भी भ्रम की स्थिति रह सकती है और बेवजह का तनाव भी रह सकता है। इस बीच अपनी सेहत का भी ख़्याल रखें। वहीं कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर कार्य का दबाव रहेगा। हालांकि आपको इस परिस्थिति में धैर्य से काम लेना होगा। अपने व्यवहार को अनुशासित रखें अन्यथा आप जॉबलेस भी हो सकते हैं। गुरु के नक्षत्र में लंबी यात्रा के योग बनेंगे। इसके अलावा आपकी सेहत ख़राब हो सकती है या फिर आपको किसी कोर्ट केस का सामना करना पड़ सकता है। वहीं शनि के नक्षत्र में आमदनी के मार्ग में अड़चनें पैदा हो सकती हैं। या फिर कार्यक्षेत्र में विवाद संभव है। जबकि बुध के नक्षत्र में प्रतियोगी परिक्षाओं में सफलता मिलने की संभावना है और स्वास्थ्य में गिरावट भी संभव है।

उपाय- नित्य शिवलिंग का अभिषेक करें।

वृषभ

राहु आपकी राशि से तीसरे भाव में संचरण करेगा। ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यदि राहु किसी जातक की कुंडली में तीसरे भाव स्थिति होता है तो जातक को बहुत ही शुभ परिणाम मिलते हैं। इस अवधि में आपको भी अच्छे परिणाम मिलने की प्रबल संभावना रहेगी। आपका साहस बढ़ेगा और आपको पिछले प्रयासों का भी सफल परिणाम प्राप्त होगा। अपनी सकारात्मक सोच के साथ आप सफल होंगे। भाई-बहनों का जीवन समृद्ध होगा। राहु गोचर आपको वह कार्य करने का साहस देगा जिसे आप हमेशा से करना चाहते थे। यह आपके सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव को भी प्रभावित करेगा। जीवनसाथी, पिताजी और बड़े भाई-बहनों के साथ संबंधों को आप अधिक महत्व देंगे। गुरु के नक्षत्र में आप किसी अवैध तरीक़े से धन प्राप्त कर सकते हैं। शनि के नक्षत्र में यात्रा के योग बनेंगे। बुध के नक्षत्र में किसी से अफेयर होने की संभावना है।

उपाय- राहु के वैदिक मंत्र का उच्चारण करें।

मिथुन

राहु आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेगा। इस समय आपको अपने विचारों को मूर्त रूप देना होगा। आपको पारिवारिक समस्याओं का समाधान करना होगा। आपको धन संचय में अड़चन का सामना करना पड़ सकता है। बैंक बैलेंस में कटौती आने की संभावना है। इस अवधि में धन का प्रयोग सोच-समझकर करें यदि ऐसा नहीं करेंगे तो आपके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। कार्यस्थल पर सावधानी बरतें, कोई ऐसा कार्य न करें जिससे आपको अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़े। राहु आपकी कुंडली में छठे, आठवें और दसवें भाव पर प्रभाव डालेगा। राहु की यह स्थिति इस बात की ओर इशारा कर रही है कि कार्यक्षेत्र पर आपको किसी विवाद का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आप किसी रहस्य की खोच कर सकते हैं। गुरु के नक्षत्र में आपको वैवाहिक जीवन, व्यापार एवं कार्यक्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शनि के नक्षत्र में लंबी यात्रा के योग बनेंगे। वहीं बुध के नक्षत्र में आपको कोई घर अथवा वाहन ख़रीद सकते हैं।

उपाय- किसी मंदिर में मूंग की दाल दान करें

कर्क

राहु आपकी राशि में लग्न भाव से गोचर करेगा। राहु की यह स्थिति आपके लिए शुभ नहीं है। इस समय आपको मानसिक तनाव से गुजरना पड़ सकता है। मन में भ्रम की स्थिति बनी रह सकती है। इस समय आपकी विचारणीय शक्ति प्रभावित होगी। ऐसे हालातों से जल्द ही उभरने का प्रयास करें और भगवान शिव की आराधना आपको इस विकट परिस्थिति निकालने में मदद करेगी। राहु आपकी कुंडली में पाँचवें, सातवें और नौवें भाव पर प्रभाव डालेगा। इससे संतान, जीवनसाथी और पिताजी के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं। किसी के साथ अफेयर भी हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में धैर्य रखें। गुरु के नक्षत्र में कार्यस्थल पर किसी संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पिताजी के साथ रिश्ते प्रभावि हो सकते हैं। शनि के नक्षत्र में जीवनसाथी और बिजनेस पार्टनर के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं। किसी रहस्य की खोज में आप दिलचस्पी दिखाएंगे।

उपाय – बुधवार के दिन माँ दुर्गा के मंदिर में नारियल चढ़ाएं।


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सिंह

राहु आपकी राशि से बाहरवें भाव में गोचर करेगा। इस अवधि में विदेश यात्रा के योग बनेंगे और आप किसी क़ानूनी केस में उलझ सकते हैं, इसलिए थोड़ा सावधान रहें। अपनी सेहत का भी ख़्याल रखें। सेहत के प्रति लापरवाही आपको महँगी पड़ सकती है। कानूनी दस्तावेज में हस्ताक्षर करने से पूर्व उसे अच्छी तरह से पढ़ लें। विदेश संबंधी मामलों में भी जल्दबाज़ी न दिखाएं। इस समय आपकी बुरी आदतों में कमी आएगी। राहु का प्रभाव आपके चौथे, छठे और आठवें भाव पर पड़ेगा। इस कारण माता जी का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। यदि आप किसी कॉम्टीशन एग्जाम की तैयारी में जुटे हैं तो आपको उसमें सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। आप शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त करेंगे। गुरु के नक्षत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। फैमिली बिजनेस को लेकर विवाद होने की संंभावना रहेगी। बुध के नक्षत्र में आमदनी, प्रॉपर्टी और नौकरी से संबंधित मामलों में नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

उपाय- सप्तधान्य (सात प्रकार के अनाज) का मिश्रण चिढ़ियों को खिलाएं।

कन्या

राहु आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेगा। राहु के इस भाव में होने से आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आमदनी में वृद्धि होगी और अवैध तरीके से धन आने की संभावना है। यदि आप इस वर्ष चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना रहेगी। मित्रों और आपके अधीनस्थ कर्मियों से भी आपको मदद मिलने की संभावना है। राहु का प्रभाव आपके सातवें, पाँचवें और तीसरे भाव पर पड़ेगा। इस स्थिति में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। शत्रुओं पर आप हावी रहेंगे और बिजनेस पार्टनरशिप से भी मुनाफा होगा। हालांकि भाई-बहनों के साथ कुछ मामलों को लेकर विवाद भी देखने को मिल सकता है। गुरु के नक्षत्र में आप घरेलू और व्यापार के मामलों में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। घर या वाहन ख़रीदने की संभावना है। शनि के नक्षत्र में लव अफेयर, शत्रुओं पर विजय मिलने की संभावना है। बुध के नक्षत्र में कार्यक्षेत्र में आपका प्रदर्शन या तो एक अभिनेता की भांति रहेगा या फिर आपका प्रदर्शन शून्य रहेगा।

उपाय- ग़रीबों में धन एवं भोज्य पदार्थों का दान करें।

तुला

राहु आपकी राशि से दसवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान कार्यक्षेत्र पर काम का दबाव रहेगा। परिस्थितियाँ आपके हद से बाहर हो सकती हैं। पिताजी किसी रोग से ग्रस्त हो सकते हैं। ख़र्चे भी बढ़ सकते हैं। मन में असंमजस की स्थिति रहेगी। राहु का असर आपके दूसरे, चौथे और छठे भाव में होगा। इस दौरान परिजनों से विवाद होने की संभावना है और ननिहाल पक्ष के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। माता जी की सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए उनका ख़्याल रखें। गुरु के नक्षत्र में शत्रु आपको हानि पहँचा सकते हैं। शनि के नक्षत्र में संतान के साथ विवाद हो सकता है। प्रियतम से ब्रेकअप की संभावना है। वहीं बुध के नक्षत्र में यात्रा के योग बनेंगे। आप कार्य के संबंध में विदेश यात्रा भी कर सकते हैं।

उपाय- मछलियों को चारा डालें।

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वृश्चिक

राहु आपकी राशि से नौवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान विदेश यात्रा के योग बनेंगे। परंतु पिताजी की सेहत बिगड़ सकती है। उनकी सेहत की देखभाल अच्छी प्रकार से करें। गोचर के दौरान आपका भाग्य कमजोर रहेगा जिस कारण आपको कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। राहु आपके लग्न, तीसरे और पाँचवें भाव को प्रभावित करेगा। इस दौरान परिवार में तनाव की स्थिति रह सकती है। इस अवधि में आप किसी के प्रेम प्रसंग में भी पड़ सकते हैं। गुरु के नक्षत्र में घरेलू क्लेश और प्रियतम से ब्रेक अप हो सकता है। शनि के नक्षत्र में भाई-बहनों और माता जी के साथ रिश्ते खट्टे हो सकते हैं। वहीं बुध के नक्षत्र में आय के मार्ग में अड़चन आ सकती है।

उपाय- बुधवार के दिन माँ दुर्गा के मंदिर में नारियल चढ़ाएं।

धनु

राहु आपके आठवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशान रह सकती है। अपनी सेहत का ध्यान रखें। फिट रहने के लिए योग, ध्यान व शारीरिक व्यायाम करें। राहु गोचर 2018 के प्रभाव से आपके जीवन में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। आप किसी रहस्य की खोज में निकल सकते हैं और आपको इसमें सफलता मिलने की भी प्रबल संभावना रहेगी। राहु आपके बारहवें, दूसरे और चौथे भाव पर प्रभाव डालेगा जिससे घर में व कार्यक्षेत्र में विवाद हो सकता है। आर्थिक दृष्टि से गोचर का प्रभाव आपके ख़र्चों में वृद्धि कर सकता है। आपका बैंक बैलेंस भी कम हो सकता है। गुरु के नक्षत्र में संपत्ति को लेकर विवाद होने की संभावना रहेगी। शनि के नक्षत्र में भाई-बहनों और कार्यस्थल पर विवाद संभव है और बुध के नक्षत्र में भी कार्यक्षेत्र में आपको प्रतिकूल परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

उपाय- नित्य शिवलिंग का अभिषेक करें।

मकर

राहु आपके सातवें भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे। निर्णय लेते समय आप खुद को असहज़ महसूस कर सकते हैं। आप इस समय कोई ग़लत निर्णय भी ले सकते हैं और बाद में आप पछताना पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप अविवाहित हैं तो इस अवधि में आपका विवाह भी संभव है। यदि आप व्यापार से ताल्लुक रखते हैं तो इस समय आपको सावधान रहना पड़ेगा। क्योंकि आपको नुकसान हो सकता है। यदि आप किसी के साथ बिजनेस पार्टनरशिप की शुरुआत करना चाहते हैं तो इस निर्णय को आप रोक सकते हैं। इस व्यापार में आपको हानि हो सकती है। राहु आपके ग्यारहवें, लग्न और तीसरे भाव को प्रभावित करेगा। आमदनी और साहस में वृद्धि होगी। इसके अलावा उतार-चढ़ाव का सामना भी करना पड़ सकता है। बृहस्पति के नक्षत्र में हानि की संभावना है और इसमें विदेश यात्रा के योग बनेंगे। शनि के नक्षत्र में कार्य क्षेत्र और पारिवारिक जीवन में विवाद का सामना करना पड़ सकता है। उधर बुध के नक्षत्र में शत्रुओं और प्रतियोगिता में विजय प्राप्त होगी।

उपाय- राहु से संबंधित मत्र का उच्चारण करें।

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कुंभ

राहु आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेगा। इस अवधि में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि आप किसी कॉम्टीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो आपको सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। आप अपने शत्रुओं को मात देने में सफल होंगे। हालांकि कार्यक्षेत्र में आपको किसी प्रकार के विवाद का सामना करना पड़ सकता है और आपके ऊपर काम का भी बोझ रह सकता है। आपके ननिहाल पक्ष के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। गोचर के प्रभाव से आप थोड़े उग्र स्वभाव के हो सकते हैं, अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें। राहु का असर आपके दूसरे, दसवें और बारहवें भाव पर पड़ेगा। कार्यक्षेत्र में आपके ऊपर कार्य का दबाव रह सकता है। वर्तमान नौकरी से आप ऊब सकते हैं। आप विदेश यात्र पर जा सकते हैं। क़ानूनी केस का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा कोई काम न करें जिससे कानूनी विवादों का सामना करना पड़े। गुरु के नक्षत्र में पारिवारिक क्लेश संभव है। शनि के नक्षत्र में आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है एवं विदेश यात्रा के भी योग हैं। वहीं बुध के नक्षत्र में आपकी सेहत गिर सकती है और गूढ़ विज्ञान के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी।

उपाय- महामृत्युंजय मत्र का जाप करें।

मीन

राहु आपकी राशि से पाँचवें भाव में गोचर करेगा। इस समय आप अपनी सेहत का ख्याल रखें। यदि आवश्यक न हो तो यात्रा को टाल दें। इस समय आपका किसी के साथ अफेयर हो सकता है परंतु आपको इससे बचना होगा। संतान के साथ विवाद होने की संभावना है। ऐसा संभव है कि इस दौरान वे आपकी बातों को न सुनें। छात्रों का ध्यान भटक सकता है। यदि छात्र अनुशासित रहकर पढ़ाई करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। सेलफोन को अपने से दूर रखें। यदि अति आवश्यक हो तो ही उसका प्रयोग करें और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाएं। राहु का प्रभाव आपके नौवें, ग्यारहवें तथा लग्न भाव पर पड़ेगा। इस दौरान आपके भाग्य का सितारा कमज़ोर रहेगा, चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा और मन भ्रमित भी हो सकता है। गुरु के नक्षत्र में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ परेशान कर सकती है। शनि के नक्षत्र में हानि, सेहत ख़राब, विदेश यात्रा, आय में कमी रह सकती है। वहीं बुध के नक्षत्र में प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद देखने को मिल सकते हैं।

उपाय- राहु के वैदिक मंत्र का उच्चारण करें।