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शनि गोचर 2018

शनि गोचर 2018

शनि देव को वैदिक ज्योतिष में कर्म का कारक कहा जाता है। इनके आशीर्वाद से जीवन में बहुत कुछ पाया जा सकता है। फिर चाहे वह नौकरी के क्षेत्र में हो या फिर व्यवसाय में। शनि देव न्याय प्रिय हैं। वे हर मनुष्य को उसके कर्मानुसार ही फल प्रदान करते हैं। सामान्य रूप से लोग शनि ग्रह के नाम से भयभीत होते हैं। लेकिन शनि न ही किसी जातक का मित्र होता है और न ही किसी का शत्रु। यदि किसी जातक की कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हो तो, वह उस जातक को समृद्धशाली बना सकता है। वहीं यदि कुंडली में शनि की स्थिति सही न हो तो व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।

26 अक्टूबर 2017 को शनि धनु राशि में गोचर कर चुका है। यह 24 जनवरी 2020 शुक्रवार दोपहर 12:11 बजे तक इसी राशि में रहेगा और फिर मकर राशि में प्रवेश करेगा। आईये इस राशिफल के माध्यम से जानते हैं साल 2018 में शनि की चाल का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव होगा:

मेष

शनि आपकी चंद्र राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। मेष राशि के जातकों के लिए शनि देव दशम और एकादश भाव के स्वामी हैं। नवम और एकादश भाव पर शनि का प्रभाव होना इन भावों से संबंधित मामलों में देरी को दर्शाता है। इस अवधि में आपको भाग्य का उतना साथ नहीं मिलेगा जितना आप चाहते हैं। इस दौरान आपके कार्यों में देरी होने की संभावना है। उम्मीद के अनुसार आमदनी नहीं होगी, इसलिए अधिक धन कमाने के लिए आपको ज्यादा परिश्रम करना होगा। भाई-बहनों को कष्ट या उनके साथ आपके मतभेद हो सकते हैं, अतः उनके साथ बेहतर संबंध बनाये रखने के लिए संयम के साथ काम लें। गोचर के दौरान शनि केतु, शुक्र और सूर्य के नक्षत्र में होगा। केतु के नक्षत्र में रहने से अचानक उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। शुक्र के नक्षत्र में होने से आपको अपना और परिवार का ख्याल रखना होगा। वहीं शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने से परिवार के बड़े लोगों से विवाद की स्थिति बन सकती है।

उपाय- “ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः” शनि के इस वैदिक मंत्र का जाप करें।

वृषभ

शनि देव आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इस भाव में शनि का गोचर सामान्यतः अच्छा नहीं माना जाता है। क्योंकि अष्टम के शनि कष्ट और परेशानी का कारण बनते हैं। शनि अष्टम भाव में होकर आपके द्वितीय, पंचम और दशम भाव पर दृष्टि देंगे। इसके फलस्वरुप आप अपने विचारों को व्यक्त करने में असमर्थ रहेंगे। इसलिए बेहतर होगा कि अपनी बात स्पष्टता के साथ कहें। शनि के गोचर के दौरान आपको कुछ भी पाने के लिए आवश्यकता से अधिक प्रयास करने होंगे। द्वितीय और दशम भाव पर शनि का प्रभाव होने से करियर को लेकर आप थोड़े परेशान रह सकते हैं। कार्यस्थल पर भी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि दूसरी ओर इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ अच्छे अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं। आपको कुछ आर्थिक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा प्रेम-प्रसंग, संतान और शिक्षा से जुड़े मामलों में भी कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती है। शनि के केतु के नक्षत्र में होने से सांसारिक जीवन से आपका मोह भंग हो सकता है। शुक्र के नक्षत्र में होने से आपको अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा। वहीं शनि के अष्टम भाव में होने से संपत्ति की हानि या पिता और माता के साथ रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है।

उपाय- नियमित रूप से शिवलिंग का अभिषेक करें

मिथुन

शनि देव आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर करेंगे। मिथुन राशि के लिए शनि देव अष्टम और नवम भाव के स्वामी हैं। शनि सप्तम भाव में होकर नवम, लग्न और चतुर्थ भाव को दृष्टि दे रहे हैं। शनि का यह गोचर आपके लिए सामान्यतः लाभकारी नहीं रहेगा। जीवनसाथी से विवाद की स्थिति बन सकती है। बिजनेस से जुड़े मामलों में रूकावट और परेशानियां आ सकती हैं। आपका बिजनेस पार्टनर आपके साथ धोखाधड़ी भी कर सकता है इसलिए थोड़ा सावधान रहें। धन और परिवार से जुड़े मामलों में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा उस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर सावधान रहना होगा। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने से किसी कानूनी विवाद में फंसने की आशंका होगी। हालांकि साथ ही विदेश यात्रा के योग भी बनेंगे। शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने से माता-पिता और भाई-बहनों के साथ विवाद की स्थिति बन सकती है।

उपाय- शनिवार को पीपल के पेड़ पर कच्चा चरणामृत चढ़ाएं। (पानी और थोड़े से दूध में शक्कर मिलाकर)

साल 2018 में किस राशि पर होगी देव गुरु बृहस्पति की कृपा, पढ़े: गुरु गोचर 2018

कर्क

शनि देव आपकी राशि से षष्ठम भाव में गोचर करेंगे। शनि देव आपकी राशि के सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। कर्क चंद्रमा की राशि है और शनि व चंद्रमा परस्पर शत्रुता का भाव रखते हैं, इसलिए यह गोचर आपके लिए थोड़ा कष्टकारी रह सकता है। इस दौरान आपको निर्णय लेने में दिक्कतें आ सकती हैं। शनि के प्रभाव से आपकी निर्णयन क्षमता प्रभावित होगी, इसलिए फैसले लेने में कई रूकावटें आएंगी। आप तनाव और बेचैनी महसूस कर सकते हैं और इस वजह से गलत निर्णय लेने सकते हैं। आपका वैवाहिक जीवन अचानक प्रभावित हो सकता है। जीवनसाथी से अलग होने की स्थिति भी बन सकती है इसलिए वैवाहिक जीवन में थोड़ा संयम से काम लें। शनि षष्ठम भाव में स्थित होकर अष्टम, द्वादश और तृतीय भाव पर दृष्टि देंगे। वहीं द्वादश भाव पर शनि का प्रभाव होने से कार्यों में अड़चनें आएंगी। शनि के इस गोचर के दौरान आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है। आप किसी अदालती केस में भी फंस सकते हैं। जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा, उस दौरान वैवाहिक और व्यावसायिक जीवन में अलगाव की स्थिति बन सकती है। वहीं शनि के शुक्र के नक्षत्र में होने पर भाई-बहन और माता के साथ विवाद होने की संभावना है। सूर्य के नक्षत्र में होने से परिवार और प्रॉपर्टी संबंधी मामलों में विवादों का सामना करना पड़ सकता है। अच्छी बात है कि शनि के गोचर के दौरान इस साल आपको नौकरी में कई अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।

उपाय- पक्षियों को विभिन्न प्रकार के अनाज खिलाएं

सिंह

शनि देव आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेंगे। सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव षष्ठम और सप्तम भाव के स्वामी हैं। सिंह सूर्य की राशि है। सूर्य और शनि के बीच पिता-पुत्र का रिश्ता है लेकिन दोनों एक-दूसरे से शत्रुता का भाव रखते हैं। ऐसी स्थिति में शनि का यह गोचर सिंह राशि वालों के लिए सामान्यतः कष्टकारी हो सकता है। आप अपनी नौकरी गवां या छोड़ सकते हैं। क्योंकि कार्यस्थल पर परिस्थितियां आपके पक्ष में नहीं रहेंगी। शेयर बाजार में पूंजी निवेश करना भी आपके लिए जोखिम भरा कार्य हो सकता है। शनि पंचम भाव में स्थित होकर सप्तम, एकादश और द्वादश भाव पर दृष्टि डाल रहा है, अतः वैवाहिक जीवन, बिजनेस और परिवार में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा, उस दौरान आपको नई नौकरी मिलने की संभावना बनेगी। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी विकार और कार्यस्थल पर परेशानियां उत्पन्न होंगी। शुक्र के नक्षत्र में होने से ऑफिस और भाई-बहनों से विवाद होने की संभावना है। वहीं सूर्य के नक्षत्र में होने से प्रेम-प्रसंग और संतान पक्ष से मनमुटाव हो सकता है। शनि के गोचर के दौरान इस वर्ष आपको नई नौकरी की सौगात मिल सकती है।

उपाय- शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीया जलाएं

कन्या

शनि देव आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेंगे। कन्या राशि वाले जातकों के लिए शनि देव पंचम और षष्ठम भाव के स्वामी हैं। शनि की कृपा से इस वर्ष आप मकान या वाहन खरीद सकते हैं। हालांकि माता जी के साथ आपके रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है। शनि चतुर्थ भाव में स्थित होकर षष्ठम और दशम भाव को दृष्टि दे रहा है। षष्ठम और दशम भाव पर शनि का प्रभाव होने से आपको नौकरी में नए अवसर मिलने की संभावना है। हालांकि कार्यस्थल पर विवाद की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। इस साल आपको नई जॉब या प्रमोशन की सौगात मिल सकती है। लगातार चुनौती और संघर्ष का सामना करने से आपके आत्म विश्वास और साहस में वृद्धि होगी। जब शनि, केतु के नक्षत्र में होगा उस दौरान रिश्तों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने पर परिवार में विवाद और परिजनों से मनमुटाव होने की संभावना है। वहीं शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने पर आपको विवादों और अदालती मामलों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- सूर्य मंत्र का जाप करें

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तुला

शनि देव आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर करेंगे। शनि देव तुला राशि के जातकों के लिए चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी हैं। इस वर्ष भाई-बहनों के साथ रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है। तुला राशि में शनि देव केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी हैं, जो कि आपको अच्छे परिणाम देंगे। शनि का प्रभाव पंचम, नवम और द्वादश भाव पर होगा, जो कि यह दर्शाता है कि प्रेम-प्रसंग में दरार और पिता के साथ विवाद हो सकता है। आप किसी तरह के कानूनी मामलों में भी फंस सकते हैं। इस अवधि में विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। जब शनि, केतु के नक्षत्र में होगा तो माता-पिता और संपत्ति संबंधी विवाद हो सकते हैं। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने से सेहत संबंधी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने से आय और आमदनी के साधन प्रभावित हो सकते हैं।

उपाय- पंचाक्षर शिव मंत्र का जाप करें

वृश्चिक

शनि देव आपकी राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेंगे। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि देव तृतीय और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस वर्ष आपको परिवार में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के गोचर की वजह से आमदनी में भी गिरावट हो सकती है। अपने रिश्तों को सामान्य बनाये रखने के लिए बेहतर होगा कि ऐसे बोल न बोलें जिससे किसी को ठेस पहुंचे। बातचीत के दौरान अपनी वाणी पर संयम रखें। शनि का प्रभाव चतुर्थ, अष्टम और एकादश भाव पर भी होगा। इस अवधि में अपना और अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। इस वर्ष वाहन सावधानी से चलाएं। इस वर्ष जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा, उस दौरान भाई-बहन के साथ मनमुटाव या अलगाव की स्थिति बन सकती है। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने से वैवाहिक जीवन और व्यवसाय में विवाद व कोर्ट केस की संभावना बनेगी। वहीं शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने से कार्यस्थल पर कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय- “ऊँ शं शनैश्चराय नम” मंत्र का जाप करें

धनु

शनि देव इस वर्ष आपकी राशि में ही गोचर करेंगे और लग्न भाव में स्थित रहेंगे। धनु राशि वाले जातकों के लिए शनि देव द्वितीय और तृतीय भाव के स्वामी हैं। लग्न भाव में शनि और चंद्रमा की युति होने से आपको निर्णय लेने में समस्या हो सकती है। मन स्थिर नहीं रहने से आप आसानी से निर्णय नहीं ले पाएंगे। आपकी राशि पर शनि साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। साढ़ेसाती के प्रभाव से पूर्व में आपको मिश्रित परिणाम और अनुभव देखने को मिल चुके हैं। अब अगला चरण जो कि जनवरी 2020 में शुरू होगा ढाई वर्ष का होगा। बुद्धिमानी से निर्णय लें या कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से विचार कर लें। शनि के लग्न भाव में स्थित रहने से आप आलस का अनुभव कर सकते हैं। तृतीय, सप्तम और दशम भाव पर भी शनि का प्रभाव रहेगा। इस दौरान अपने प्रियतम या जीवनसाथी के साथ रिश्तों की अहमियत को समझें और उनकी भावनाओं को सम्मान करें। भाई-बहन आपसे नाराज रह सकते हैं। कार्यस्थल पर आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस वर्ष जब शनि शुक्र के नक्षत्र में होगा, तो आपकी आय और सेहत पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। वहीं शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने पर पिता के साथ विवाद या उन्हें कष्ट होने की संभावना है।

उपाय- शनि चालीसा का पाठ करें

मकर

शनि देव आपकी राशि से द्वादश भाव में गोचर करेंगे। शनि देव मकर राशि के जातकों के लिए लग्न भाव और द्वितीय भाव के स्वामी हैं। शनि के गोचर के दौरान इस वर्ष आपको धन और मान-सम्मान की हानि हो सकती है। शनि का यह गोचर आपके लिए ज्यादा शुभ नहीं होगा। इसलिए आपको सलाह है कि सभी मामलों में सोच-समझकर और बुद्धिमानी से निर्णय लें। इस साल आप किसी कोर्ट केस या कानूनी प्रकरण में भी फंस सकते हैं। शनि के इस गोचर के दौरान किसी भी तरह का ऋण न लें। आपके द्वितीय, तृतीय और नवम भाव पर शनि का प्रभाव रहेगा, अतः कार्यस्थल और लंबी दूरी की यात्राओं के दौरान थोड़ी सावधानी बरतें। इस वर्ष आपको विदेश भ्रमण का अवसर मिल सकता है। जब शनि, केतु के नक्षत्र में होगा, तो आपके अंदर आध्यात्मिक प्रवृत्ति की वृद्धि होगी। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने से कार्यस्थल, संतान और प्रेम-प्रसंग के मामलों में विवाद की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं।

उपाय- “ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः” शनि के इस वैदिक मंत्र का जाप करें।

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कुंभ

शनि देव आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं। कुंभ राशि वालों के लिए शनि देव लग्न और द्वादश भाव के स्वामी हैं। चूंकि शनि का गोचर एकादश भाव में हो रहा है इसलिए इस साल आपको धन लाभ होने की संभावना है। साथ ही कुछ मामलों में वृद्धि और उन्नति देखने को भी मिलेगी। शनि का प्रभाव आपके लग्न, पंचम और अष्टम भाव पर होगा। यह शक्ति को दर्शाता है लेकिन वहीं प्रेम-प्रसंग में दरार, संतान पक्ष के साथ विवाद और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती है। इस साल जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा, उस समय में आप किसी कानूनी प्रकरण में फंस सकते हैं। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने पर आपको भाग्य का साथ नहीं मिलेगा और परिवार से मिलने वाले सहयोग में भी कमी आ सकती है। शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने पर बिजनेस और बिजनेस पार्टनर के साथ विवाद की स्थिति पैदा हो सकती है।

उपाय– शनिवार के दिन सरसों के तेल चार मुखी दीय जलाएं।

मीन

शनि देव इस वर्ष आपकी राशि से दशम भाव में संचरण कर रहे हैं। मीन राशि वाले जातकों के लिए शनि देव दशम और एकादश भाव के स्वामी हैं। शनि के दशम भाव में स्थित रहने से इस वर्ष आपको नौकरी और व्यवसाय में कई अच्छे अवसर मिलेंगे। हालांकि इस दौरान कार्य स्थल पर विवाद की स्थिति भी बन सकती है। आपको ऐसा अनुभव करेंगे कि आपके प्रयासों और मेहनत की अनदेखी की जा रही है। इस वर्ष अपने पिता की सेहत का ख्याल रखें। शनि का प्रभाव द्वादश, चतुर्थ और सप्तम भाव पर भी होगा, जो कुछ परेशानियों को दर्शाता है। आप कानूनी प्रकरण में फंस सकते हैं। माता, संपत्ति, वैवाहिक जीवन और व्यवसाय में भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस साल जब शनि केतु के नक्षत्र में होगा, उस दौरान आपकी आय और वृद्धि पर असर पड़ सकता है। वहीं शुक्र के नक्षत्र में होने पर आपको स्वास्थ्य और परिवार संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के सूर्य के नक्षत्र में होने पर आपकी सेहत प्रभावित हो सकती है।

उपाय- शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करें और उनकी आराधना करें