२०१४ में शनि ग्रह दो बार गोचर करेगा और अलग-अलग प्रभाव देगा। मैं हूं आपका अपना ज्योतिषी हनुमान मिश्रा और यहां हमारी चर्चा का विषय है 2014 में शनि का गोचर। आईए देखें २०१४ में शनि के गोचर के क्या होंगे प्रभाव आप पर।
शनि ग्रह लगभग ढाई वर्ष में अपनी राशि बदलता है। यह नवंबर 2011 में कन्या से तुला राशि में आया था। बीच में यह वक्री होकर पुन: कन्या में गया था और फिर मार्गी होकर तुला में आ गया था और फिलहाल 2 नवम्बर 2014 तक शनि तुला राशि में ही है। इस कारण से कन्या, तुला और वृश्चिक राशि पर साढ़े साती का प्रभाव बना रहेगा। वहीं कर्क और मीन राशियों पर ढैय्या का प्रभाव माना जाएगा। क्योंकि 2014 में शनि के 2 गोचर और उनके अलग-अलग प्रभाव आपको देखने को मिलेंगे, लेकिन साल के अधिकांश दिनों में जो शनि के गोचर का जो फल आपको मिलने वाला है हम उसकी चर्चा कर लेते हैं। और सबसे पहले मेष राशि पर 2014 में शनि क्या प्रभाव डालेंगे यह जान लेते हैं:
मेष राशि वालों के लिए शनि जीवनसाथी के माध्यम से लाभ दिला सकता है। दैनिक व्यापार-व्यवसाय में भी लाभ के योग हैं। भाग्य के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी। लेकिन स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियाँ हो सकती हैं। पारिवारिक, जनता से संबंधित, माता से संबंधित मामलों में अच्छे फलों की प्राप्ति होगी।
वृषभ राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण षष्ट भाव से भाग्येश व दशमेश होने से शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे। कर्ज की स्थिति से छुटकारा मिलेगा। बाहरी मामलों में सावधानी रखें, स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा। व्यापार, नौकरी, पिता के मामलों में रूकावटों के बाद सफलता रहेगी, पराक्रम बढ़ेगा।
मिथुन राशि वालों के लिए शनि के परिवर्तन से भाग्य में वृद्धि होगी, विद्या में सफलता, परिश्रम पूर्ण, स्वास्थ्य ठीक रहेगा। जीवनसाथी के मामलों में समय ठीक ही कहा जा सकता है। आय के मामलों में बाधा रह सकती है। धन कुटुंब के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी।
कर्क राशि वालों के लिए शनि का गोचर पारिवारिक मामलों मे कठिनाई के बाद सफलता देगा। शत्रु प्रभावहीन होंगे। राज्य, पिता, व्यापार, नौकरी के मामलों में सावधानी रखनी होगी। स्वयं को संभाल कर चलना होगा।
सिंह राशि वालों के लिए शनि के राशि परिवर्तन के कारण पराक्रम अधिक करने पर सफलता मिलेगी। भाईयों, मित्रों, साझेदारियों से लाभ व सहयोग रहेगा। भाग्य के क्षेत्र में थोड़ी बाधा भी रहेगी। बाहरी मामलों में मिलीजुली स्थिति पाएंगे।
कन्या राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण द्वितीय भाव में होने से, व शनि के पंचमेश व षष्टेश होने से वाणी के प्रभाव से लाभ रहेगा। सन्तान का सहयोग भी रहेगा। आप परीक्षाओं में सफल भी होंगे। वाहनादि सावधानी से चलाएँ। आय के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी।
तुला राशि वालों के लिए शनि के चतुर्थेश व पंचमेश होकर राशि में ही भ्रमण करने से प्रभाव में वृद्धि, नवीन कार्य होंगे। सन्तान से लाभ; माता, भूमि, भवन, जनता के कार्यों से लाभ रहेगा। जीवनसाथी से चिंता भी रहेगी। राज्य, व्यापार, नौकरी आदि में सफलता रहेगी।
वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि तृतीयेश व चतुर्थेश होकर द्वादश भाव में गोचरीय भ्रमण कर रहा है। अत: पराक्रम द्वारा ही सफलता के योग हैं। किसी महत्वपूर्ण कार्य में भाई की सलाह या मदद ठीक रहेगी। पारिवारिक स्थिति ठीक-ठीक ही रहेगी। शत्रु पक्ष से बचकर चलना होगा। शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ होगी, जो लाभकारी भी रहेगी। भाग्य व धर्म के मामलों में मिलीजुली स्थिति रहेगी।
धनु राशि वालों के लिए शनि द्वितीयेश व तृतीयेश होकर एकादश भाव में गोचरीय भ्रमण कर रहा है। अत: धन कुटुंब, वाणी के प्रभाव से लाभ मिलेगा, धन की बचत भी कर पाएंगे। भाईयों का सहयोग मिलेगा, मित्र से भी अनुकूल स्थिति पाएंगे। विद्यार्थी वर्ग सावधानी बरतें। पढ़ाई पर अधिक ध्यान दें। स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा, आयु उत्तम रहेगी।
मकर राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण दशम भाव से होकर लग्न व द्वितीयेश होने से स्वप्रयत्नों से उत्तम सफलता मिलेगी। पराक्रम बढ़ेगा, धन कुटुंब का भी सहयोग रहेगा। माता के मामलों में सावधानी रखें। मकान, ज़मीन के सौदों में संभलकर चलें। जीवनसाथी से मिलीजुली स्थिति पाएंगे।
कुंभ राशि वालों के लिए शनि द्वादशेश व लग्नेश होकर नवम यानी भाग्य भाव में भ्रमण कर रहा है। अत: भाग्यबल द्वारा सफलता के योग हैं। साथ ही महत्वपूर्ण कार्य भी बनेंगे। भाग्य साथ देगा, भाईयों के मामलों में सावधानी रखनी होगी। शत्रु पक्ष प्रभावहीन होंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। पिता का सहयोग मिलेगा। देश-विदेश की यात्रा भी संभव है।
मीन राशि वालों के लिए शनि का गोचरीय भ्रमण अष्टम भाव में है और यह एकादशेश व द्वादशेश है अत: आय के मामलों में कठिनाई आएगी, लेकिन आवश्यक पूर्ति भी होगी। बाहरी मामलों में सहयोग रहेगा। धन कुटुंब में ख़र्च होगा। सम्मान भी बढ़ेगा। स्वविवेक का इस्तेमाल लाभदायक रहेगा।
अब कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपने जन्म का विवरण नहीं पता ऐसे में वो ये भी नहीं जानते होंगे कि उन पर साढेसाती का प्रभाव है। ऐसी हालत में सवाल ये उठता है कि कैसे पता किया जाए कि किसी पर साढ़ेसाती प्रभावी है। तो इसके बारे में ज्योतिषशास्त्री कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के समय कुछ विशेष प्रकार की घटनाएं होती हैं जिनसे संकेत मिलता है कि साढ़े साती चल रही है। शनि की साढ़े साती के समय आमतौर पर इस प्रकार की घटनाएँ होती हैं जैसे घर का कोई भाग अचानक गिर जाता है। घर के अधिकांश सदस्य बीमार रहते हैं, घर में अचानक आग लग जाती है, आपको बार-बार अपमानित होना पड़ता है। घर की महिलाएँ अक्सर बीमार रहती हैं, एक परेशानी से आप जैसे ही निकलते हैं दूसरी परेशानी सिर उठाए खड़ी रहती है। व्यापार एवं व्यवसाय में असफलता और नुकसान होता है। घर में मांसाहार एवं मादक पदार्थों के प्रति लोगों का रूझान काफी बढ़ जाता है। घर में आये दिन कलह होने लगता है। अकारण ही आपके ऊपर कलंक या इल्ज़ाम लगता है। आंख व कान में तकलीफ महसूस होती है एवं आपके घर से चप्पल जूते गायब होने लगते हैं। यदि आपके जीवन में जब उपरोक्त घटनाएं दिखने लगे तो बहुत सम्भव है कि आप पर साढ़े साती का प्रभाव हो सकता है। इस स्थिति के आने पर आपको शनि देव के कोप से बचने हेतु आवश्यक उपाय करना चाहिए। कुछ उपाय इस प्रकार है इनमें से आप एक या एक से अधिक उपाय अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार कर सकते हैं:
हनुमान चालीसा का पाठ करें और विशेष पूजा-अर्चना करें। क्योंकि हनुमानजी के भक्तों पर शनि बुरा प्रभाव नहीं डालते। शनिवार और इष्टदेवता को काले या नीले रंग के फूल अवश्य चढ़ाएँ। कम से कम सात शनिवार एक-एक नारियल नदी में प्रवाहित करें। शनिवार को किसी गरीब व्यक्ति को काले कपड़े का दान करें। किसी गरीब व्यक्ति को काले रंग का छाता दान करें। काले घोड़े की नाल से बना छल्ला या अंगूठी सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें। प्रति शनिवार किसी बर्तन में तेल भरकर अपना चेहरा उसमें देखें और फिर उस तेल को दान कर दें।
तो आशा है 2014 में शनि के गोचर के परिणामों को पहले से जानकर सम्बंधित उपायों को करके आप उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होंगें। नवम्बर 2, 2014 को शनि वृश्चिक राशि में जाएंगे, उसके पहले हम एक नया फलादेश लेकर उपस्थित होंगे।
नमस्कार!
पं हनुमान मिश्रा