अमावस्या 2020 के इस लेख में हम इस साल अमावस्या की सारी तिथियों के बारे में आपको जानकारी देंगे। अमावस्या को हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता है इसलिये अमावस्या की रात को चारों ओर अंधेरा होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है। चूंकि हर महीन अमावस्या आती है इसलिये साल में 12 अमावस्या होती हैं और हर अमावस्या का अपना अलग महत्व होता है। अमावस्या दिन पूजा -पाठ करना अति शुभ माना जाता है।
चंद्र की कलाओं के अनुसार हिंदू पंचांग में एक माह को 15-15 दिनों के दो पक्षों में बांटा जाता है। जिस दौरान चंद्रमा का आकार लगातार बढ़ता रहता है उस भाग को शुक्ल पक्ष के नाम से जाना जाता है जबकि जिस भाग में चंद्रमा का आकार लगातार घटता रहता है उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं। जैसा कि हमने बताया शुक्ल पक्ष के दौरान चंंद्रमा का आकार बढ़ता रहता है इसीलिये शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन जब चंद्रमा अपने पूर्ण रुप में होता है तो उसे पूर्णिमा कहते हैं। इसी तरह कृष्ण पक्ष के दौरान जब चंद्रमा घटता रहता है और अंत में लुप्त हो जाता है तो उस दिन को अमावस्या कहा जाता है। पितृदेव को अमावस्या का स्वामी माना गया है इसलिए अमावस्या वाले दिन पित्तरों को याद किया जाता है और उनकी आत्मा की शांति के लिये श्राद्ध कर्म किया जाता है। इस दिन पित्तरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमावस्या का हर धर्म में अपना अलग महत्व है, कुछ धर्मों में इसे शुभ तो कुछ में अशुभ भी माना जाता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो अमावस्या अन्य खगोलीय घटनाओं की तरह ही एक सामान्य घटना है। हालांकि हिंदू धर्म में इस शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में माघ के महीने में पड़ने वाली अमावस्या का खास स्थान है। इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
अमावस्या को एक शुभ दिन माना जाता है इसलिये लोग इस दिन के बारे में जानना चाहते हैं, ताकि पूजा आदि कर्मों को करने के लिये वो तैयारियां कर सकें। हिंदू पंचांग के अनुसार साल में12 अमावस्याएँ होती हैं। अमावस्याओं की तिथियों की जानकारी प्राप्त करने के लिये लोग आजकल इंटरनेट का सहारा लेते हैं हालांकि इंटरनेट पर मिल जानकारी हमेशा सही नहीं होती इसलिये हम अपने इस लेख में आपको 2020 में आने वाली सारी अमावस्याओं की तारीख और तिथि के बारे में बता रहे हैं।
दिनांक | त्यौहार |
शुक्रवार, 24 जनवरी | माघ अमावस्या |
रविवार, 23 फरवरी | फाल्गुन अमावस्या |
मंगलवार, 24 मार्च | चैत्र अमावस्या |
बुधवार, 22 अप्रैल | वैशाख अमावस्या |
शुक्रवार, 22 मई | ज्येष्ठ अमावस्या |
रविवार, 21 जून | आषाढ़ अमावस्या |
सोमवार, 20 जुलाई | श्रावण अमावस्या |
बुधवार, 19 अगस्त | भाद्रपद अमावस्या |
गुरुवार, 17 सितंबर | अश्विन अमावस्या |
शुक्रवार, 16 अक्टूबर | आश्विन अमावस्या (अधिक) |
रविवार, 15 नवंबर | कार्तिक अमावस्या |
सोमवार, 14 दिसंबर | मार्गशीर्ष अमावस्या |
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हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिये अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह दिन धार्मिक क्रिया-कलापों के लिये शुभ माना जाता है। इस दिन अगर आप जप-तप, ध्यान और देवी-देवताओं का पूजन करते हैं तो आपके जीवन से नकारात्मकता का नाश हो जाता है। इस दिन यदि आप 108 बार तुलसी की परिक्रमा करते हैं तो आपके मन को शांति की अनुभूति होती है। जो लोग आध्यात्मिक मार्ग पर बढ़ना चाहते हैं उनके लिये भी यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन ध्यान करने से इंसाल को परमानंद की अनुभूति होती है।
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अमावस्या के दिन का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ ज्योतिष शास्त्र में भी इस दिन को अहम माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र एक मुख्य़ ग्रह है इसलिये अमावस्या के दिन को ज्योतिषियों द्वारा भी महत्वपूर्ण माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिये तर्पण और दान करना चाहिए। हमारे देश के प्रमुख त्योहार दीपावली को भी अमावस्या को ही मनाया जाता है। यदि कोई जातक कालसर्प दोष से पीड़ित है तो इस दिन कुछ उपाय करके वो इससे मुक्ति पा सकता है।
हिंदू धर्म के अनुसार यूं तो हर अमावस्या महत्वपूर्ण होती है लेकिन माघ महीने यानि जनवरी-फरवरी में पड़ने वाली अमावस्या का सारी अमावस्याओं में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मौनी अमावस्या को बहुत शुभ माना जाता है औऱ इस दिन दान, सिद्धि साधना और मौन व्रत रखने से इंसान के कई पाप धुल जाते हैं। जिन लोगों की बौद्धिक क्षमता कम है वो यदि इस दिन गाय को चावल खिलाएं तो उनको अच्छे फल प्राप्त होते हैं। अमावस्या को किसी शुभ काम को करने के लिये सही नहीं माना जाता वहीं दूसरी ओर आध्यात्मिक कार्यों के लिये यह दिन बहुत अहम होता है। साधना और ध्यान का अभ्यास करने वाले लोग अमावस्या के दिन का इंतजार करते हैं क्योंकि इस दिन उनके आध्यात्मिक जीवन को नये आयाम मिलते हैं। मौनी अमावस्या के अलावा सोमवार को पड़ने वाली सोमवती अमावस्या को भी लोग बहुत शुभ मानते हैं और इस दिन धार्मिक कार्य करके मानसिक संतुष्टि पाते हैं।
भविष्यपुराण के अनुसार यदि आप अमावस्या के दिन व्रत रखते हैं तो आपको सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए। इसके बाद विधिवत तरीके से पूजा पाठ करें और अपने पित्तरों को तर्पण दें। पूजा आदि समाप्त होने के बाद जरुरतमंदों को अपने सामर्थ्य अनुसार दान दें। यदि आप इस दिन मौन धारण करते हैं तो इससे आपके मन को शांति मिलती है। अमावस्या के व्रत वाले दिन आपको धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए और ज्ञानी लोगों की संगत में रहना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन व्रत रखने से इंसान को पुराने जन्म में किये गये पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।
मौनी अमावस्या का बाकी सारी अमावस्याओं से ज्यादा महत्व है। महाभारत में वर्णित है कि माघ मास के दिनों में अनेक तीर्थों को समागम होता है इसलिये इस माह जप, तप और नदियों में स्नान का बड़ा महत्व है, खासकर स्नान यदि अमावस्या के दिन किया जाए तो इससे भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं। पद्मपुराण के अनुसार बाकी महीनों में आने वाली अमावस्याओं के दिन स्नान का उतना महत्व नहीं होता जितना कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने का। इस दिन जो भी जातक पूर्ण श्रद्धा के साथ पवित्र नदियों में स्नान करते हैं उनके कई पाप धुल जाते हैं और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन का महत्व गृहस्थ और वानप्रस्थ दोनों के लिये ही है।
सोमवती अमावस्या को भी हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह अमावस्या सोमवार को होती है। ऐसा माना जाता है कि इस अमावस्या के दिन यदि कोई व्रत रखता है तो उसकी सब मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यह व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिये भी बहुत अहम माना जाता है क्योंकि इस दिन यदि शादीशुदा महिलाएं व्रत रखती हैं तो उनके पति को दीर्घायु प्राप्त होती है।
कार्तिक माह में आने वाली अमावस्या को कार्तिक अमावस्या कहा जाता है और इस दिन हिंदू लोगों के प्रमुख त्योहार दीपावली को मनाया जाता है। दीपावली मनाने के साथ-साथ इस रोज लोग पित्तरों को तर्पण भी देते हैं और दान भी करते हैं। एक मान्यता के अनुसार श्री कृष्ण भगवान ने शांति पर्व पर कार्तिक अमावस्या का महत्व सबको बताते हुए कहा था कि यह दिन मेरे लिये प्रिय है और इस दिन जिस व्यक्ति द्वारा भी मेरी पूजा अर्चना होती है उसके सारे ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र देव को मन का देवता माना गया है। चूंकि इस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता इसलिये धरती के जीवों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। जो लोग बहुत ज्यादा भावुक होते हैं उनके मन पर इस दिन का गहरा प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों के मन में नकारात्मक विचार होते हैं उनके लिये यह दिन बहुत चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां बलवान हो जाती हैं और वो आप पर प्रभाव डालती हैं। हालांकि आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले लोग इस दिन अपने मन की परीक्षा लेते हैं और मन को काबू में करने के लिये ध्यान का अभ्यास करते हैं। आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले कई लोग इस दिन बोलने से भी बचते हैं क्योंकि बोलने से या अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से मन अस्थिर हो जाता है। कुल मिलाकर कहें तो आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले लोगों के लिये यह दिन एक परीक्षा की तरह होता है जब वो अपने मन की स्थिति को जानने के लिये ध्यान का सहारा लेते हैं।
हम आशा करते हैं कि अमावस्या पर लिखा गया हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। हम आपके सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं।