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आज चाँद कब निकलेगा?

चंद्रोदय (Chandrodaya) और चंद्रास्त को सूर्योदय और सूर्यास्त की ही तरह वैदिक ज्योतिष के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। MyKundali के इस पेज के द्वारा आप हर दिन के अनुसार चाँद कब निकलेगा (Aaj Kab Niklega Chand) की सटीक और सम्पूर्ण जानकारी यहाँ प्राप्त कर सकते हैं।

Rishikesh में आज चाँद कब निकलेगा?

दिनांक: Saturday, December 14, 2024

» चंद्रोदय व चंद्रास्त कल
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चंद्रोदय का महत्व

आगे बढ़ने से पहले यहाँ यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि आखिर चंद्रमा के उदित होने का समय क्या महत्व रखता है? आखिर चंद्रमा कब निकलेगा यह जानना इतना ज़रूरी क्यों होता है? तो दरअसल, सभी धर्मों में ऐसे अनेकों व्रत और त्योहार होते हैं जिनमें चंद्रमा के दर्शन का विधान बताया गया है। चंद्रमा दर्शन के लिए स्वाभाविक है कि आपको चाँद कब निकलेगा और कब अस्त होगा इसकी सटीक जानकारी हो और इससे जुड़ी सारी ज़रूरी बातें हमारा यह वेबपेज आपको प्रदान करता है।

चंद्रमा से संबंधित व्रत-उपवास

अब व्रत-त्योहार में चंद्रमा जुड़ जाए तो ज़ाहिर सी बात है कि चंद्रमा उदय और चंद्रास्त की जानकारी जानने के लिए हर इंसान उत्सुक रहता है। ऐसे में आपके शहर में आज चंद्रमा कब निकलेगा और कब अस्त हो जाएगा इस बात की जानकारी हम आपको इस पेज के माध्यम से देते रहेंगे। अब बात करें चंद्रमा से संबंधित व्रत त्योहारों की तो,

चंद्रमा से जुड़े हिन्दू धर्म के व्रत-त्योहार

पूर्णिमा: पूर्णिमा के दिन चंद्रमा दर्शन और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व बताया है। यूं तो साल में पड़ने वाली हर एक पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है लेकिन इनमें से शरद पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा का दर्जा सबसे ऊपर का माना गया है। पूर्णिमा व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, आर्थिक संपन्नता, चंद्रमा सी शीतलता मिलती है और साथ ही कुंडली में चंद्रमा से बनने वाले दोषों से भी छुटकारा मिलता है।

संकष्टि चतुर्थी: संकष्टि चतुर्थी का व्रत प्रत्येक माह में किया जाता है और यह हिन्दू धर्म में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को समर्पित बेहद ही पावन व्रत होता है। संतान प्राप्ति की कामना से लेकर संतान की अच्छी और उत्तम सेहत के लिए इस व्रत का बहुत महात्मय माना जाता है। पूर्णिमा व्रत की ही तरह इसमें भी चाँद निकलने के समय पर चंद्रमा की पूजा करने और अर्घ्य देने उसे का विधान बताया गया है।

करवा चौथ: हिन्दू धर्म का एक ऐसा व्रत जिसमें सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा पूजा के बाद व्रत पूरा करती हैं वो है करवा चौथ का व्रत। यह व्रत मुख्यतौर पर सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए करती हैं। दिन भर निर्जला व्रत के बाद शाम को चंद्रमा के उदित होने पर व्रती महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं, इस दिन से संबन्धित व्रत कथा पढ़ती हैं और उसके बाद ही अपने व्रत को पूरा करती हैं।

चंद्रमा से जुड़े अन्य धर्म के व्रत-त्योहार

हिन्दू धर्म के अलावा इस्लाम धर्म में रमज़ान और ईद जैसे त्योहार और व्रत के लिए चंद्रमा का विशेष महत्व बताया गया है। ईद का व्रत ही चंद्रमा के उदय होने के बाद किया जाता है और रमज़ान का व्रत चाँद देखने के बाद ही खोला जाता है।

चंद्रमा का महत्व

खगोलीय दृष्टि से बात करें तो चंद्रमा एकमात्र ऐसा उपग्रह है जो केवल 27 दिनों, 7 घंटे, 43 मिनट, 11.6 सेकेण्ड में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है। इसके अलावा विज्ञान भी मान चुका है कि चंद्रमा का सीधा प्रभाव व्यक्ति के मन पर पड़ता है। इसके अलावा ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान में होता है उनका मन शांत रहता है वहीं इसके विपरीत जिनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में न हो उन्हें तमाम मानसिक परेशानियों से जूझना पड़ता है।

इसके अलावा कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थान पर न हो या अशुभ ग्रहों के संपर्क में हो तो कुंडली में चंद्रमा से संबन्धित चंद्र दोष का भय भी बना रहता है। ऐसी स्थिति में चंद्रमा की पूजा करने और चन्द्रमा को अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है।

चंद्रोदय का महत्व

ऊपर दिये गए व्रत और त्योहारों के अलावा भी चंद्रोदय (Chandrodaya) का विशेष महत्व बताया गया है। हालांकि यहाँ यह जानना बेहद आवश्यक होता है कि अलग-अलग क्षेत्रों और अलग-अलग शहरों में चाँद निकालने का समय अलग-अलग हो सकता है। ऐसे में व्रत की सूची तैयार करने के लिए उक्त शहर की भूगोलिक स्थिति का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा सनातन धर्म में कई ऐसे पर्व और त्यौहारों भी होते हैं जिन्हें करने और मनाने के लिए पंचांग में चंद्रोदय (Chandrodaya) के समय पड़ने वाली तिथियों को ज्यादा महत्व दिया जाता है और फिर इसी के अनुसार उन पर्वों और त्यौहारों की तिथियाँ तय की जाती हैं।

MyKundali के चंद्रोदय पेज पर हम आपको हर दिन के अनुसार और भारत के अलग-अलग देशों की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये हर दिन के अनुसार चंद्रमा के उदय होने के समय की जानकारी देते हैं इसलिए हम दावे से कह सकते हैं कि हमारी यह जानकारी सबसे सटीक और विश्वसनीय है।