Personalized
Horoscope

Vrishabha Masik Rashifal in Hindi - Vrishabha Horoscope in Hindi - वृष मासिक राशिफल

Taurus Rashifal

स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ा सावधानी रखने वाला महीना रहेगा। पंचम भाव में महीने की शुरुआत में शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे। उन पर मंगल और बृहस्पति की पूर्ण दृष्टि होगी और महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध पंचम भाव में आ जाएंगे। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपको अपने उदर रोगों के प्रति सचेत रहना चाहिए क्योंकि पंचम भाव और कन्या राशि दोनों ही पीड़ित अवस्था में होंगे। ऐसे में आपको अपने खान-पान पर पूरा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि खाने-पीने की समस्याएं आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या दे सकती है। केतु की उपस्थिति होने के कारण उसे आसानी से जांच पाना संभव नहीं होगा और किसी प्रकार का संक्रमण भी हो सकता है इसलिए आपको अपनी ओर से स्वच्छ जल और पौष्टिक भोजन करना चाहिए, समय पर भोजन करना चाहिए और अपने खान-पान की आदतों में सुधार करना चाहिए। ऐसा करने से आप तंदुरुस्त जीवन बिता पाएंगे।

कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से यह महीना ठीक-ठाक रहने की संभावना है। दशम भाव के स्वामी शनि महाराज वक्री अवस्था में दशम भाव में ही विराजमान रहने वाले हैं जिससे कार्यक्षेत्र में आपको जमकर पसीना बहाना होगा। आपको बहुत मेहनत करनी होगी। आपके ऊपर काम का दबाव भी ज्यादा हो सकता है और आपको लगेगा कि आप एक से अधिक लोगों का काम कर रहे हैं। आपकी यह मेहनत अभी लोगों को दिखाई नहीं देगी। ऐसा आपको लगेगा लेकिन आप धैर्य बनाए रखें और अपने काम में लग रहें।आने वाला समय आपका है इसलिए आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी और आपको अच्छी सफलता प्रदान करेगी। छठे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने के पूर्वार्ध में केतु महाराज के साथ पंचम भाव में विराजमान होंगे जिससे नौकरी में बदलाव का मन भी करेगा और उसके लिए कुछ प्रयास भी करेंगे लेकिन पूर्ण रूप से अभी सफलता मिलने में संदेह रहेगा। 18 सितंबर से शुक्र महाराज तुला राशि में छठे भाव में अपनी ही राशि में आ जाएंगे जिससे नौकरी में स्थिरता और अनुकूलता भर जाएगी और आपकी चुनौतियों में कमी आएगी। आप अपने काम को मन लगाकर करेंगे जिससे समस्याएं दूर होंगी। व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह महीना अनुकूल रहने वाला है। देवगुरु बृहस्पति पूरे महीने प्रथम भाव में बैठकर आपके सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि डालेंगे और आपके व्यापार को समृद्धि प्रदान करेंगे। आपकी सोच और समझ विकसित होगी। आपके द्वारा लिए गए निर्णय आपके व्यापार के लिए अनुकूल साबित होंगे और इससे समाज में आपको और आपके व्यापार को एक अलग जगह मिलेगी। आपके विरोधी चारों खाने चित्त होंगे और आपके व्यापार में उन्नति बढ़ेगी। सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज महीने की शुरुआत से ही आपके द्वितीय भाव में विराजमान रहेंगे जिससे आपको थोड़ा वाणी पर ध्यान देना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह व्यवसाय आपको अच्छी उन्नति और आर्थिक प्रगति प्रदान करेगा।

प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यदि आप किसी प्रेम संबंध में है तो यह महीना आपकी बराबर परीक्षा लेगा। पंचम भाव में शुक्र महाराज अपने नीच राशि के होकर बैठेंगे और उन पर मंगल की पूर्ण दृष्टि होगी जिससे प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। आपके रिश्ते में रूमानियत तो रहेगी लेकिन राहु केतु का प्रभाव और मंगल की दृष्टि होने के कारण आपस में रस्सा-कशी और छींटाकशी भी हो सकती है जो रिश्ते के लिए अनुकूल नहीं कहीं जा सकती है। आपकी प्रियतम का मन इन सभी बातों से खिन्न हो सकता है और इसका असर आपके रिश्ते को बिगाड़ सकता है। 16 सितंबर से सूर्य और 23 सितंबर से बुध पंचम भाव में प्रवेश करेंगे तब कुछ हद तक स्थितियों में सुधार होने के योग बनेंगे लेकिन आपको अपने प्रियतम के कुछ नखरे उठाने पड़ेंगे। यह कोई बड़ी बात भी नहीं है जिसे आप प्यार करते हैं उनके लिए इतना तो कर ही सकते हैं। ऐसा करने से आपका रिश्ता पहले की तरह खिलखिला उठेगा। विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव पर पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति की कृपा दृष्टि बनी रहेगी इसके परिणाम स्वरुप आपके रिश्ते में प्रेम और अपनेपन की भावना रहेगी। जीवनसाथी का सहयोगात्मक रवैया रहेगा। आप दोनों अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन भली प्रकार करेंगे। सप्तम भाव के स्वामी मंगल महाराज पूरे महीने आपके दूसरे भाव में विराजमान रहेंगे जिससे पारिवारिक मामलों में जीवनसाथी का सीधा-सीधा दखल रहेगा। किसी भी बात से उन्हें नाराज ना करें जिससे परिवार की शांति भंग ना हो लेकिन देवगुरु बृहस्पति आपको शांति रखना, धैर्य का पालन करने, और परिस्थिति के अनुसार आचरण करने में मदद करेंगे। जिससे आपका वैवाहिक जीवन मधुरता की ओर बढ़ेगा।

सलाह: प्रतिदिन श्री गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करना आपके लिए लाभदायक रहेगा। आपको शुक्रवार के दिन लाल गुड़हल का पुष्प मां दुर्गा जी को अर्पित करना चाहिए। शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का प्रतिदिन जाप करना आपको उत्तम स्वास्थ्य और जीवन में सफलता प्रदान करेगा। शनिवार के दिन श्री शनि चालीसा का पाठ करें और श्री बजरंग बाण का पाठ भी करें।

सामान्य: यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए अनुकूल रहने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है। आपको अपनी मेहनत का पूरा फल मिलेगा और आप अपनी मेहनत के ही दम पर कार्यक्षेत्र में स्थिति को मजबूत बना पाएंगे। लेकिन महीने के पूर्वार्ध में सूर्य और शनि आमने-सामने होने से आपको अति आत्मविश्वास का शिकार होने से बचना चाहिए अन्यथा आपको कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। नौकरी में आपकी स्थिति मेहनती व्यक्ति की होगी। आप खूब मेहनत करेंगे। भले ही वह अभी लोगों को दिखाई ना दे लेकिन आने वाला समय आपका होने वाला है इसलिए लगातार मेहनत करना जारी रखें। व्यापार करने वाले जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति की कृपा और मंगल महाराज की स्थिति अनुकूलता लेकर आएगी और आपके व्यापार में अच्छी वृद्धि होने के योग बनेंगे। प्रेम संबंधों में प्रेम तो बढ़ेगा लेकिन बीच-बीच में कुछ खटास आने की स्थिति भी रहेगी। आपस में तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं फिर भी आप अपने रिश्ते को संभालने का पूरा प्रयास करते नजर आएंगे। वैवाहिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। जीवनसाथी से आपका रिश्ता मजबूत बनेगा और अपने रिश्ते को लेकर आप काफी सहज होंगे। पारिवारिक जीवन में उथल-पुथल के बाद थोड़ी शांति हो सकती है। भाई-बहनों का सहयोग आपके साथ रहने वाला है। मित्रों के सहयोग से कामों में सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को कुछ तकनीकी समस्याओं और मन की एकाग्रता भंग होने से समस्या हो सकती है इसलिए अपनी ओर से पूरी कोशिश करें। आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और खर्च भी नियंत्रण में रहेंगे जिससे आर्थिक तौर पर यह महीना अनुकूल रहेगा। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से थोड़ी सावधानी रखनी अपेक्षित होगी क्योंकि आपका स्वास्थ्य कमजोर हो सकता है।

वित्त: यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो तो यह महीना आपके लिए अच्छी प्रगति का संदेश लेकर आ रहा है। एकादश भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहेंगे और शुक्र भी पंचम भाव में बैठकर महीने की शुरुआत में एकादश भाव को देखेंगे। इससे आर्थिक समस्याओं में कमियां आएगी और आपकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। देवगुरु बृहस्पति प्रथम भाव में और मंगल महाराज दूसरे भाव में रहकर आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आप विदेशी संपर्कों से भी लाभ कमा सकते हैं और विदेश में काम करते हैं या किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करते हैं तो उससे भी आपको अच्छा धन लाभ प्राप्त हो सकता है। आपकी शुरुआती छोटी यात्राएं भी धन का लाभ लेकर आएंगी। व्यापार में भी उन्नति होगी और व्यापार से भी आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। 16 सितंबर से सूर्य और 23 सितंबर से बुध दोनों के कन्या राशि में आपके पंचम भाव में बैठकर एकादश भाव को देखने से आमदनी में और अच्छी बढ़ोतरी होने के योग बनेंगे। शुक्र महाराज 18 सितंबर से छठे भाव में आकर द्वादश भाव को देखेंगे जो कुछ सुख साधन साधनों पर खर्च करेंगे लेकिन आपके खर्च मुख्यता नियंत्रण में रहेंगे जो आपकी सबसे बड़ी जीत होगी और इस महीने आपकी आर्थिक स्थिति में अच्छा सुधार देखने को मिलेगा। व्यावसायिक निवेश के लिए समय अच्छा है लेकिन शेयर बाजार में खरीदारी करते समय सावधानी बरतें।

पारिवारिक: यह महीना पारिवारिक तौर पर कुछ उथल-पुथल से भरा रहने वाला है। दूसरे भाव में महीने के दौरान मंगल महाराज विराजमान रहेंगे जिससे वाणी में कटुता आ सकती है और आप अपने ही लोगों को बुरा बना सकते हैं इसलिए किसी से भी उल्टा सीधा या गलत बोलने से बचें। मीठा बोलने से दुश्मन भी अपने बन जाते हैं और कड़वा बोलने से अपने भी पराए हो जाते हैं। इस बात पर आपको ध्यान देना होगा। इसके साथ ही महीने की शुरुआत में ही दूसरे भाव के स्वामी बुध महाराज आपके तीसरे भाव में विराजमान होंगे जिससे आप अपने भाई-बहनों की आर्थिक तौर पर मदद करेंगे, उनकी हर संभव सहायता करेंगे, उनके मन में आपके लिए स्नेह बढ़ेगा। बुध 4 सितंबर को सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और तब भाई-बहनों से आपको सुख की प्राप्ति होगी और परिवार की खुशहाली में वह आपकी मदद करेंगे। इसके बाद 23 सितंबर को बुध कन्या राशि में पंचम भाव में प्रवेश कर जाएंगे और शुक्र छठे भाव में होंगे जिससे आपके किसी खास मित्र को आपसे मिलने में आपके भाई-बहनों का सहयोग रहेगा। सूर्य महाराज महीने के शुरुआत में आपके चतुर्थ भाव में होंगे और वक्री शनि की दृष्टि भी चतुर्थ भाव पर होगी जिससे माता-पिता को स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। उसके बाद 16 सितंबर को सूर्य कन्या राशि में चले जाएंगे और तब सूर्य और शनि का सौराष्टक योग बनेगा। इस दौरान अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और आवश्यक होने पर चिकित्सीय परामर्श अवश्य लें तथा उनका उपचार करें धीरे-धीरे पारिवारिक समरसता बढ़ेगी।