स्वास्थ्य: यह महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से ठीक-ठाक रहने वाला है। राशि स्वामी महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहकर स्वास्थ्य को मजबूत बनाएंगे। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी प्रथम भाव पर रहेगी जो स्वास्थ्य लाभ करने में मदद करेगी लेकिन राहु केतु के प्रभाव में आपकी राशि रहेगी तथा मंगल की दृष्टि भी उसी पर रहेगी और शनि भी वक्री अवस्था में छठे भाव में रहेंगे जो किसी न किसी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकते हैं इसलिए आपको अपनी ओर से कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे आपको कोई परेशानी हो। आपको आंखों से संबंधित समस्या हो सकती है या फिर हड्डियों में या जोड़ों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। इनसे बचने के लिए भरपूर पौष्टिक मात्रा में भोजन करें और सुबह शाम अपनी आंखों को स्वच्छ जल से धोते रहें। सेहत के प्रति जागरूक बनें। चाहे तो सुबह की सैर अथवा व्यायाम भी कर सकते हैं। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए ध्यान का सहारा लें।
कैरियर: करियर के दृष्टिकोण से यह महीना कुछ अब तक अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। दशम भाव के स्वामी बुध महाराज महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहेंगे जो आपकी अच्छी स्थिति को दर्शाता है। आपकी हाज़िरजवाबी और संवाद शैली आपको अन्य लोगों से आगे रखेगी और इससे आपको कार्य क्षेत्र में अच्छी सफलता मिलेगी। 4 सितंबर को बुध सिंह राशि में द्वादश भाव में चले जाएंगे जिससे कार्यक्षेत्र को लेकर भागदौड़ और अति व्यस्तता शुरू हो जाएगी। आपको बहुत ज्यादा प्रयास करने होंगे अपने काम को पूर्ण करने के लिए। इस संबंध में आपकी अनेकों लंबी यात्राएं भी हो सकती हैं लेकिन आप अपने काम को तवज्जो देंगे और इसी से आपको फायदा होगा। 23 सितंबर को बुध कन्या राशि यानी कि आपकी ही राशि में प्रवेश कर जाएंगे। यह समय नौकरी के लिए और भी बेहतर रहने वाला है। आपको वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग भी मिलेगा और आपके काम में तरक्की होगी। छठे भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने छठे भाव में वक्री अवस्था में विराजमान रहने वाले हैं जिससे आपके ऊपर काम का दबाव तो रहेगा लेकिन आप मेहनत से पीछे हटने वाले नहीं हैं। किसी से आपको सफलता मिलेगी। सूर्य द्वादश भाव में बैठकर शनि पर दृष्टि डालेंगे जिससे महीने की शुरुआत में आपको किसी से भी कड़वे वचन बोलने से या लड़ाई झगड़ा करने से बचना चाहिए। महीने का उत्तरार्ध में जब सूर्य 16 तारीख को राशि परिवर्तन कर जाएंगे तब इस स्थिति इस पर भी सुधार हो जाएगा। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना मध्य रहने वाला है। सप्तम भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में विराजमान रहेंगे जो व्यवसाय से संबंधित यात्राएं कराएंगे लेकिन दूसरी तरफ पूरे महीने राहु महाराज सप्तम भाव में विराजमान रहेंगे जो आपको अनियमितता से युक्त करेंगे आप अपने व्यापार में बराबर बड़ा बदलाव करते रहेंगे जो बदलाव कुछ अच्छे होंगे और कुछ प्रतिकूल भी हो सकते हैं इसलिए आपको सावधानी रखनी चाहिए और जल्दबाजी में अगर कोई भी निर्णय लेने से बचना चाहिए। महीने की शुरुआत में शुक्र महाराज की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी जो व्यापार को कुछ हद तक अनुकूलता देगी। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध आपकी राशि में बैठकर सप्तम भाव को देखेंगे जिससे आप अपनी बुद्धिमानी से अपने व्यापार में चल रही समस्याओं को दूर करने में कामयाब रहेंगे। फिर भी राहु पूरे महीने सप्तम भाव में ही विराजमान रहेंगे जिससे उतार-चढ़ाव बने रहेंगे इसलिए सावधानी रखें।
प्रेम / विवाह / व्यक्तिगत संबंध: यदि आप किसी प्रेम संबंध में है तो महीने की शुरुआत में बुध महाराज और पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति तथा मंगल महाराज की दृष्टि पंचम भाव पर बनी रहेगी। जैसे प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहेगी। आप इस दौरान अपने प्रियतम से किसी भी बात को छिपाएँ नहीं क्योंकि ऐसा करने से उनके मन में शक पैदा होगा और वह गलतफहमियों के कारण आपके रिश्ते के लिए तनावपूर्ण स्थिति को जन्म दे सकता है। कोई भी बात हो चाहे वह अच्छी हो या बुरी हो आपको स्पष्ट रूप से आपकी प्रियतम से कहनी चाहिए अन्यथा आपके रिश्ते में तल्खियाँ बढ़ेंगी और एक दूसरे के प्रति गुस्सा बढ़ने से रिश्ते में टूटन की स्थिति बन सकती है। पंचम भाव के स्वामी शनि महाराज भी वक्री अवस्था में पूरे महीने छठे भाव में रहेंगे जो आपको उम्मीद देते रहेंगे कि आप प्रयास करेंगे तो आपका रिश्ता संभल जाएगा। इन्हीं बातों को आपको ध्यान में रखना है। 18 सितंबर से शुक्र दूसरे भाव में चले जाएंगे तब आप अपनी प्यार भरी बातों से अपने प्रियतम का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे और तब इन चुनौतियों से धीरे-धीरे बाहर निकल आएंगे। विवाहित जातकों की बात करें तो सप्तम भाव में पूरे महीने राहु महाराज विराजमान रहने वाले हैं और महीने के पूर्वार्ध में शुक्र ग्रह की दृष्टि सप्तम भाव पर रहेगी जिससे आप अपने वैवाहिक जीवन में कुछ हद तक रोमांटिक भी रहेंगे और अपने जीवनसाथी के लिए कुछ अच्छा भी करने की कोशिश करेंगे जिसको देखकर जीवनसाथी भी आपके प्रति सहानुभूति और प्रेम की भावना रखेंगे। सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति महाराज नवम भाव में रहेंगे जिससे आप अपने पर जीवनसाथी के साथ लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। किसी धार्मिक स्थल की यात्रा भी कर सकते हैं। इससे आपके संबंध में नयापन आएगा और आप अपने रिश्ते को संभाल पाएंगे। महीने के उत्तरार्ध में सूर्य और बुध दोनों ही आपकी राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वहां से उनकी दृष्टि सप्तम भाव पर होगी। जहां राहु बैठे होंगे। यह समय वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव बढ़ा सकता है और जीवनसाथी से कहा सुनी हो सकती है इसलिए इस दौरान आपको धैर्य से काम लेना होगा।
सलाह: आपको श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
बुध देव और शुक्र देव के बीज मंत्र का जाप करना आपके लिए बहुत लाभदायक रहेगा।
शनिवार के दिन चीटियों को आटा अवश्य डालें।
नागकेसर का पौधा किसी उद्यान में लगाएं।
सामान्य: कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है। कुछ मामलों में आपको सतर्कता रखनी होगी लेकिन कुछ महीनो में आपके लिए या महीना बहुत बढ़िया भी रहेगा। नवम भाव में पूरे महीने देवगुरु बृहस्पति बने रहेंगे जिनकी दृष्टि आपकी राशि पर होगी जिससे आपको सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त नवम भाव के स्वामी शुक्र महाराज आपकी राशि में विराजमान रहेंगे जो राजयोग तरीके परिणाम प्रदान करने में सक्षम होंगे। वैसे राशि स्वामी बुध महीने की शुरुआत में एकादश भाव में रहेंगे जो आर्थिक स्थिति को बढ़िया बनाने में मदद करेंगे। हालांकि सूर्य द्वादश में और शनि छठे में होकर खर्चों में बढ़ोतरी भी कराते रहेंगे। नौकरी करने वाले जातकों को किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी में पड़ने से बचना चाहिए। अगर वह ऐसा करने से बचते हैं तो यह महीना नौकरी में अच्छी सफलता प्रदान करेगा और आपके काम को तथा आपकी ऊर्जा को देखकर लोग प्रभावित होंगे। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीना अच्छा रहेगा। व्यवसायिक यात्राएं सफलता दायक रहेगी और आपके व्यापार को उन्नति दिलाने में सफलता मिलेगी। प्रेम संबंधों के लिए महीना पूर्वार्ध में मध्यम रहेगा लेकिन उत्तरार्ध में कुछ हद तक सुधार आने की योग बनेंगे। आपको अपने प्रियतम से कोई भी बात छिपानी नहीं चाहिए और जो भी बात आपके मन में चल रही हो उसे पूर्ण करने की कोशिश करें। किसी तरह का छिपाव रिश्ते में शक पैदा कर सकता है। विवाहित जातकों के लिए मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। एक तरफ तो आपके रिश्ते में प्रेम और रोमांस के योग बनेंगे तो दूसरी तरफ आपसी खींचातानी भी हो सकती है इसलिए सावधानी से चलें। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महीने की शुरुआत तो अनुकूल रहेगी लेकिन उत्तरार्ध में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। विद्यार्थियों को शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलेंगे। अपनी एकाग्रता को बनाए रखने में आपको कुछ चुनौतियां महसूस होंगी लेकिन धीरे-धीरे आप गति और अपनी राह पकड़ लेंगे। पारिवारिक जीवन में कुछ हद तक खुशियां रहने वाली है। परिवार के लोगों का सहयोग आपके साथ रहेगा जिससे आपके कामों में आपको सफलता मिलेगी।
वित्त: यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि महीने की शुरुआत में बुध महाराज एकादश भाव में विराजमान रहेंगे और आपकी आमदनी को बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखेंगे लेकिन द्वादश भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति और उन पर शनि ग्रह की दृष्टि होना आपके खर्चों को भी बढ़ाने का काम करेगी। इसके बाद 4 सितंबर से आपके राशि स्वामी द्वादश भाव में चले जाएंगे जिससे खर्चों में और तेजी आने लगेगी और आमदनी में कुछ स्थिरता दिखेगी। इसके बाद 23 सितंबर को बुध भी सूर्य महाराज के साथ कन्या राशि में होंगे जिससे खर्चों पर नियंत्रण लगना शुरू हो जाएगा। आपकी आमदनी सामान्य रहेगी लेकिन वह भी आपके लिए पर्याप्त होगी क्योंकि खर्च नियंत्रण में रहेंगे। इस प्रकार यह महीना औसत होने वाला होगा। आपको महीने की शुरुआत में खर्चों पर ध्यान देना होगा। ऐसा करने से महीने का उत्तरार्ध आर्थिक तौर पर अच्छी स्थिति लेकर आ सकता है।
पारिवारिक: यह महीना पारिवारिक तौर पर ठीक-ठाक रहने की संभावना है। दूसरे भाव के स्वामी शुक्र महाराज महीने की शुरुआत में आपकी ही राशि में विराजमान रहेंगे जिससे परिवार के लोग आपको हर काम में मदद करेंगे और परिवार का माहौल भी अनुकूल रहेगा। देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि भी प्रथम भाव पर रहेगी जो आपको सही निर्णय लेने में मदद करेगी। महीने के उत्तरार्ध में 18 सितंबर को शुक्र तुला राशि में आपके दूसरे भाव में जाएंगे। यह समय पारिवारिक जीवन में खुशहाली लेकर आएगा। आपस में प्रेम बढ़ेगा एक दूसरे को बराबर सम्मान की दृष्टि से देखा जाएगा और घर में खुशहाली रहेगी। घर में कोई फंक्शन भी आयोजित हो सकता है जिसमें अतिथियों का आगमन होगा और घर में खुशहाली होगी। किसी के विवाह की बात भी चल सकती है। चतुर्थ भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति नवम भाव में विराजमान रहेंगे। यह स्थिति भी पारिवारिक जीवन में खुशहाली दिखाती है। हालांकि दशम भाव में बैठे मंगल महाराज चतुर्थ दृष्टि से प्रथम भाव को और सप्तम दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखेंगे जिससे बीच-बीच में कुछ गर्मागर्मी हो सकती है लेकिन इस सबके बावजूद पारिवारिक जीवन में प्रेम बना रहने की अच्छी संभावना दिखाई देती है। आपके भाई-बहन आपके कार्य में बराबर सहयोग करेंगे और उनकी सलाह अथवा सहायता से आपके काम में सफलता के योग बनेंगे। यदि आप अपने कार्यक्षेत्र में किसी समस्या या चुनौती से जूझ रहे हैं तो भाई बहनों की मदद ले सकते हैं। चाहे वह आपसे बड़े हो अथवा छोटा हो लेकिन उनकी कोई ना कोई बात ऐसी होगी जो आपकी लिए मददगार बन जाएगी।