2015 यानी पुराना साल अब ख़त्म होने ही वाला है और नए साल में हमारा पदार्पण भी जल्द ही होने वाला है। लेकिन ऐसे समय में यह जानना बेहद ही ज़रूरी है कि आख़िर नए साल में आपके ग्रहों की स्थिति कैसी है? कौन-कौन से ग्रह कब और कहाँ अपना स्थान बदल रहेे हैं? उनका आपकी ज़िन्दगी पर क्या प्रभाव पड़ेगा? आइए वर्ष 2016 के राशिफल से जानते हैं इन सवालों के जवाब।
प्रत्येक वर्ष की भाँति एक बार पुनः वर्ष की शुरूआत में ही शनि वृश्चिक में और गुरू सिंह में प्रवेश कर रहा है। राहु और केतु 31 जनवरी तक अपनी वर्तमान अवस्था में रहेंगे, तत्पश्चात् राहु सिंह में तथा केतु कुम्भ में प्रवेश कर जाएंगे। ग्रह आपकी ज़िन्दगी को कैसे प्रभावित करते हैं? ऐसे कौन-कौन से दिन हैं जिस दिन आपको एहतियात बरतने की आवश्यकता है। चलिए वैदिक ज्योतिष पर आधारित राशिफल के ज़रिए जानते हैं इन सवालों के सटीक जवाब।
परिवार के सदस्यों के साथ बेहतर संबंध बनाकर चलना होगा। आपका सातवां भाव पाप-कर्तरी योग से प्रभावित है, इसलिए इस अवधि में आपको ख़ुद पर नियंत्रण रखना होगा। वैसे मेष राशि के जातक जल्द ही नाराज़ हो जाते हैं और बाद में अफ़सोस भी ज़ाहिर नहीं करते हैं। जीवनसाथी के साथ बेहतर रिश्ते निभाने के लिए आपको अपने स्तर पर प्रयासरत रहना होगा। माता के साथ आपके संबंध मधुर रहेंगे, लेकिन चंद्रमा के सिंह, वृश्चिक या कुम्भ में प्रवेश करने पर झगड़ा होने की संभावना है। अतः थोड़ा सावधान रहें। पिता के साथ कुछ अनबन हो सकता है, जो आपके अंतःक्लेश के कारण होगा, इसलिए अंतःक्लेश को अपने उपर हावी न होने दें। संतान का वज़न अचानक बढ सकता है जिससे आपको परेशानी हो सकती है, अतः संतान के स्वास्थ्य का उचित ख़्याल रखें।
इस साल आपकी सेहत ठीक-ठाक रहेगी। अगस्त तक किसी गंभीर बीमारी से आपको परेशानी नहीं होगी, लेकिन कुछ सामान्य सी दिक्क़तें जैसे - पेट में दर्द, बदहज़मी, जोड़ों और घुटनों में दर्द संबंधी शिकायत हो सकती है। जननांगों से संबंधित विकार होने की संभावना है। अगस्त के बाद आपकी सेहत अचानक से बिगड़ सकती है और अस्पताल में भी जाने की नौबत आ सकती है। अतः पूरी तरह से सतर्क रहें।
शेयर बाज़ार से दूरी बनाकर ही रहें तो बेहतर होगा। निवेश करने से ज़्यादा बचाने के बारें में सोचना आपके लिए फ़ायदेमंद होगा। अगस्त के बाद से आपको लाभ होने लगेगा और जमापूंजी में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। जो लोग शनि या राहु की महादाशा या अंतरदशा से गुजर रहें हैं उन्हें अधिक सावधान रहने की ज़रूरत है।
आपके दसवें भाव का स्वामी आठवें भाव में है और यह ग्यारहवें भाव का भी स्वामी है। आपके ग्यारहवें घर में केतु के गोचर होने का भी योग है। इस अवधि में आलस्य का पूरी तरह से त्याग करें और प्रत्येक काम में अपना बेहतर योगदान देने की कोशिश करें। आपकी सभी इच्छाएँ पूरी होगी, लेकिन इसमें थोड़ा वक़्त लगेगा। इसमें हताश या निराश होने जैसी कोई बात नहीं है। अगस्त आपके लिए अच्छे दिन लेकर आएगा। गुरु की दृष्टि धनु पर है, जबकि वह राहु के साथ युति भी कर रहा है। जिसके कारण यह कहना मुश्किल है कि कब आपका भाग्य साथ देगा और कब नहीं। ऐसे समय में आपके लिए यही अच्छा होगा कि आप अपने कर्मों पर विश्वास रखें।
कारोबार के लिए यह साल मिला-जुला परिणाम देने वाला है। नए कारोबार को शुरु करने में विलंब हो सकता है। काम अधूरे रहने के कारण आपको निराश होना पड़ सकता है। लेकिन कुछ ही समय में आप पाएंगे की सबकुछ आपके अनुकूल हो रहा है, इसलिए चिंता करने की कोई ख़ास आवश्यकता नहीं है। धन का आगमन निर्वाध रूप से होगा, लेकिन वित्तीय मामलों में हानि होने की संभावना है। अगस्त के महीने से स्थितियाँ बदलने लगेगी, लेकिन सावधानी बरतने की ज़रूरत साल भर है, ख़ासकर पैसों के मामलों में।
इस साल आपके प्रेम-संबंधों में मिठास की कमी रहेगी। अपने से भिन्न स्तर के इंसान से प्यार हो सकता है। ऐसे रिश्तें बनाने से परहेज़ करें, यह आपके लिए नुक़सानदायक हो सकता है। अगस्त के बाद स्थितियाँ और बिगड़ने वाली हैॆं, आपको अधिक क्रोध आएगा, जो संबंधों के ख़राब होने का एक महत्वपूर्ण कारण होगा।
इस साल आपकी सेक्स लाइफ़ तनाव से भरी रहेगी। जिसके कारण आपको यौन सुख की प्राप्ति न के बराबर होगी। पुरुषों को शिथिलता का आभास होगा, जिसके पीछे का कारण तनाव और थकान होगी। यह साल यौन सुख के लिए अनुकूल नहीं है, इसलिए कोशिश करें कि अपने जीवनसाथी के साथ ही संबंध स्थापित करें, न कि किसी और पार्टनर के साथ। हालाँकि इसकी अधिकता से परहेज़ करना आपकी सेहत के लिए बेहतर होगा।
14 मार्च से 14 अप्रैल, 1 सितंबर से 10 अक्टूबर और 16 नवंबर से 27 दिसंबर के बीच की अवधि में कोई महत्वपूर्ण निर्णय न लें।
आपका लग्नेश मंगल है, इसलिए आपके लिए यह आवश्यक है कि आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ में रोज कनकधारा स्त्रोत और श्रीसुक्त का पाठ करें। घर के आसपास साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखें।