जानें आने वाला यह नया साल क्या ख़ास लेकर आ रहा है आपके लिए? नए साल में कौन-कौन सी बातों से दूरी बनाकर रहना आपके लिए लाभदायक होगा? आगामी साल में विषम परिस्थितियों से बचने के लिए क्या-क्या कारगर उपाय हो सकते हैं? उपरोक्त सभी सवालों का जवाब आपको मिलेगा हमारे भविष्यफल के साथ।
जैसा कि आप भी जानते है कि पूरा ज्योतिष ग्रहों पर ही टिका हुआ है। इसलिए भविष्यफल जानने से पहले यह भी जानना ज़रूरी है कि ग्रहों की चाल कैसी है। वर्ष की शुरूआत शनि के वृश्चिक और गुरु के सिंह में प्रवेश करने के साथ हो रही है। वहीं 31 जनवरी तक अपनी वर्तमान अवस्था में रहने के पश्चात् राहु सिंह में और केतु कुम्भ में प्रवेश रहें हैं। ग्रह आपकी ज़िन्दगी को कैसे प्रभावित करते हैं? ऐसे कौन-कौन से दिन हैं जिस दिन आपको एहतियात बरतने की आवश्यकता है। चलिए वैदिक ज्योतिष पर आधारित राशिफल के ज़रिए जानते हैं इन सवालों के सटीक जवाब।
पारिवारिक जीवन बेहतर रहने वाला है। जीवनसाथी के साथ सुनहरा पल व्यतीत होगा। हालाँकि पार्टनर की बातों पर ध्यान न देना थोड़ी परेशानी की सबब बन सकता है। आपके सातवें भाव का स्वामी शनि है, जो हमेशा आपको सकारात्मक परिणाम देगा। यह आपकी ख़ुशियों में कभी भी बाधा डालने वाला नहीं है। माता के साथ थोड़ी अनबन हो सकती है और उनकी सेहत ख़राब होने के कारण आपको परेशानी भी हो सकती है। यह आपकी ज़िम्मेवारी है कि आप उनकी सेहत की देख-भाल करें। पिता के साथ आपकी और आपके जीवनसाथी के संबंध अच्छे रहेंगे। हालाँकि आपके जीवनसाथी और माता के साथ अनबन होने की संभावना है।
इस साल आप बेहतर स्वास्थ्य के धनी रहने वाले हैं। वज़न बढने से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अगस्त के बाद अचानक आपका वज़न बढ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी छोटी-से-छोटी दिक्क़तों को भी नज़रअंदाज़ न करें। पेट, आँत, घुटने, सरदर्द और आँखों में कुछ दिक्क़तें हो सकती है। दिनचर्या में व्यायाम शामिल करना आपके लिए कारगर होगा।
नए साल में आपकी आर्थिक स्थिति ठीक-ठाक रहने वाली है। हालाँकि अगस्त के बाद बेहतर मुनाफ़ा प्राप्त होने वाला है। एकाधिक स्रोतों से धन का आगमन होगा। स्टॉक बाज़ार में निवेश कर सकते हैं, लेकिन अगस्त के बाद का समय इसके लिए अनुकूल है। भावनाओँ में बहने से परहेज़ करें और अपने ख़र्चों पर नियंत्रण रखें। इस साल आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि आपकी झोली इस वर्ष खाली नहीं रहने वाली है।
जो लोग वर्तमान समय में नौकरी कर रहे हैं, उनके लिए थोड़ा कठिन समय हो सकता है। कार्यस्थल पर आपके विरूद्ध षड्यंत्र रचे जाने की संभावना है। आप कुछ ऐसे मामलों में भी दोषी क़रार दिए जा सकते हैं जिसमें आपकी संलिप्तता है ही नहीं। इस वर्ष नौकरी छोड़ने की भी आप योजना बना सकते हैं। हालाँकि चिंता करने और ज़्यादा तनाव लेने की ज़रूरत नहीं है, सबकुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। अपने वरिष्ठों के साथ संबंध क़ायम रखें। जो लोग सरकारी नौकरी कर रहें हैं उनको भी इस वर्ष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
व्यापार के मामले में यह साल बहुत ही अच्छा जाने वाला है। उन लोगों के लिए तो यह साल सोने पे सुहागा है जो लोग अपनी पत्नी के साथ मिलकर कारोबार कर रहे हैं। कुछ लोग आपके ख़िलाफ़ साजिश भी रच सकते हैं। अगस्त तक ब्याज़ पर पैसे देने से पूरी तरह परहेज़ करें। कुछ दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन कुल मिलाकर सफलता और समृद्धि आपके साथ रहेगी। पैसे की कोई कमी नहीं रहेगी और एकाधिक स्रोतों से धन का आगमन होगा। हालाँकि जमापूंजी के प्रति सावधान रहने की दरकार है।
प्रेम-संबंधों के लिए सुनहरा वर्ष है। अपने प्रियतम के साथ ज़्यादा-से-ज़्यादा वक़्त बिताएंगे। पूरे साल आपके प्रेम-संबंधों में मधुरता बरक़रार रहेगी। अगस्त माह की शुरूआत में कुछ ग़लतफ़हमी हो सकती है, लेकिन थोड़े समय बाद सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा। बुध का सिंह या कुम्भ में गोचर होने पर आप दोनों के बीच शक़ पैदा हो सकता है। ऐसे समय में गुस्सा न करें और अपने जीवनसाथी पर किसी प्रकार का संदेह भी न करें, अन्यथा बेहतर संबंध भी बदतर हो सकता है।
इस वर्ष आपकी कामोत्तेजना प्रबल रहेगी और आपको पूरे साल भौतिक सुखों की प्राप्ति भी होगी। यदि आप शादीशुदा हैं तो जीवनसाथी से आपको बेहतर आनंद नहीं मिलेगा। आप संबंधों में ख़टास महसूस करेंगे। जीवनसाथी के साथ यह दूरी अन्य संबंधों को भी जन्म दे सकती है। अनैतिक संबंध भी पनपने के आसार हैं।
जब कभी चंद्रमा सिंह, धनु, कुम्भ या मेष में प्रवेश करे, उस अवधि में अपने क्रोध पर काबू रखें और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। इस अवधि में महत्वपूर्ण निर्णय न लें। वहीं जब मंगल का वृश्चिक, कुम्भ, मेष या सिंह में गोचर हो, उस समय भी धैर्य से काम लें। 19 मार्च से 13 अप्रैल और 12 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच कर्ज़ लेने और परिवार से संबंधित महत्वपूर्ण फ़ैसले लेने से परहेज़ करें।
ख़ुद पर नियंत्रण रखना सबसे बड़ा उपाय होता है, लेकिन यह सबके बस की बात नहीं है। यदि आप शनि की दशा या महादशा से गुजर रहें हैं तो दशरथ कृत शनि स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करें। गुरु की दशा और महादशा की स्थिति में बृहस्पति बीज़ मंत्र का पाठ करना कारगर होगा। गुरुवार के दिन पीला वस्त्र पहनें और उपवास रखें। यदि राहु या केतु की दशा चल रही है तो देवी कवच और दूर्गा सप्तशती का दिन में तीन बार पाठ करना आरंभ कर दें। आपकी सभी बाधाएँ दूर होंगी।